जनक नंदिनी वैभव,राम सत्ता आधार
जनक दुलारी महिमा अद्भुत,प्रातः वंदनीय शुभकारी ।
राम रमाकर रोम रोम,
पतिव्रता दिव्य अवतारी ।
शीर्ष आस्था सनातन धर्म,
सुरभि संस्कृति परंपरा संस्कार ।
जनक नंदिनी वैभव,राम सत्ता आधार ।।
मृदु विमल अर्धांगिनी छवि,
प्रति पल रूप परछाया ।
प्रासाद सह वनवास काल,
अगाथ जप तप नेह निभाया ।
शील समर्पण त्याग उपमा,
सदा श्री अपराजिता श्रृंगार ।
जनक नंदिनी वैभव ,राम सत्ता आधार ।।
जनमानस प्रश्न समाधान हित,
उत्तीर्ण कठिन अग्नि परीक्षा ।
शक्ति भक्ति अप्रतिम पर्याय ,
नित राम रूप सकल प्रतीक्षा ।
पुत्री वधु रूप जानकी प्रभा,
पावन गीता सम अमिय धार।
जनक नंदिनी वैभव ,राम सत्ता आधार ।।
रामवल्लभा तो साक्षात ,
मां लक्ष्मी भव्य अवतार ।
जीवन पथ मंगल कंवल,
प्रेरणा सरित अमृत धार ।
अवश संघर्ष कर राघव संग,
नित्य शोभित बन रामायण सार ।
जनक नंदिनी वैभव ,राम सत्ता आधार ।।
महेन्द्र कुमार(स्वरचित मौलिक रचना)
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