सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में

सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में

सूर्य पुत्र कर्ण अद्भुत,
धनुर्विद्या दानवीरता पर्याय ।
पर जीवन अंतर्द्वन्द अथाह,
कदम कदम श्रेय हीन अध्याय ।
मूल कारण ज्ञात उत्कंठा,
प्रश्न प्रस्तुति मार्मिक प्रवाद में ।
सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में ।।


मातृ त्याग अवैध संतति कलंक,
गैर क्षत्रिय गौ बाण कारण शापित।
समय पट ज्ञान विस्मृतता,
गुरु परशु राम दोषारोपित ।
धर्म संकट दर्शन युद्ध बेला,
कुंती आज्ञा अप्रतिम प्रमाद में ।
सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में ।।


ध्यान पूर्वक कर्ण पक्ष सुन,
कन्हाई निज व्यथा सुनाई ।
जन्म कारागार मृत्यु भय,
वय पार संदीपनी शिक्षा पाई ।
प्रणय चाह परिणय वंचित,
जन्म संग मात पिता दूरी निर्विवाद में ।।
सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में ।।


परस्पर निज पक्ष उत्तम,
अंत श्री कृष्ण यथार्थ उजागर ।
नियति नियत सदा अटल,
चुनौती संघर्ष मर्म भवसागर ।
तज निज कर्म वर्चस्व फल,
नित सहर्ष तत्पर शाश्वतता धन्यवाद में ।
सत्य धर्म स्वीकार्यता, श्री कृष्ण कर्ण संवाद में ।।


महेन्द्र कुमार(स्वरचित मौलिक रचना ।
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