Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

शब्दों की चुभन

शब्दों की चुभन

कही हम आप मिले थे
वो दिन महिना याद नही।
तुम्हारे द्वारा कहे गये शब्द
मुझे वो आज तक याद है।
कमी मुझे नही थे तब
कमी अब भी नही मुझमें।
कमी तुम में थी तब
कमी अब भी तुम्ही में है।।


पढ़ा जरूर है तुमने
पर गुन तुम न सकी।
रट कर तो कोई भी
परीक्षाएं पास कर लेता।
मगर पढ़ाई का जीवन में
वो उपयोग नही कर पाते।
समझकर पढ़ाई की होती
तो आज काम वो आती।।


जमाना बदला है देखो
तो लोग भी बदले है।
परंतु अनुभव का तो
अब भी बोल वाला है।
इसलिए कम पढ़े-लिखे
शिखर पर आज भी बैठे।
और जो रट्टू तोता बने है
वो दर दर भटक रहे है।।


समय सबका बदलता है
जीवन सबका संभलता है।
उतार चढ़ाव आते जाते है
मगर अनुभव से संभलता है।
कहे शब्दो का भी तो
असर ज्यादा होता है।
इसलिए वो एक दिन
शिखर को छू लेता है।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ