Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

लोकसभा चुनाव 2024 का एक्जिट पौल

लोकसभा चुनाव 2024 का एक्जिट पौल

लेखक मनोज मिश्र इंडियन बैंक के अधिकारी है|

भारतीय राजनीति के एक और कालखंड का पटाक्षेप कल 1 जून के मतदान के बाद हो गया। सभी भारतवासियों की निगाहें शाम को हो रहे एक्जिट पोल पर लगी रहीं। इस एक्जिट पोल में चुनाव पूर्व और चुनाव के दौरान हुए विमर्श पर एक प्रकार से मुहर लग गई। करीब करीब सभी टीवी चैनलों ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कम से कम 358 और अधिक से अधिक 421 सीट दी हैं। ये सभी आंकड़ें अभी अनुमान ही हैं। 4 जून को वास्तविक आंकड़े सभी के सामने आएंगे तो शायद वे आंकड़े इन आंकड़ों से भिन्न न होंगे। देश ने 2014 का चुनाव देखा जो एंटी इनकंबेंसी पर आधारित था। हमने 2019 का चुनाव देखा जो विपक्ष के अनुसार कमोबेश राष्ट्रवाद पर आधारित था चुंकि हमने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। अब आया 2024 का चुनाव। इस चुनाव में भाजपा को 10 साल के लगातार शासन के बाद उभरते एंटी इनकंबेंसी का खतरा था, समाज को जाति में तोड़कर जाति जनगणना की मांग का खतरा था, बढ़ती महंगाई का खतरा था, बढ़ती बेरोजगारी का खतरा था, महिला विरोधी कहलाने का खतरा था, सबसे बड़ा खतरा रिश्वत के दम पर चुनावी बाजी पलटने का खतरा था, विपक्ष पूरे दम खम से सरकार के शासन को नकारा और शर्मनाक बता रहा था। इन सभी नेगेटिव ट्रेंडो के बीच भारत ने पहली बार शासन के पक्ष में मतदान किया लगता है। यह बड़ा आश्चर्यजनक है। यह भारत में मोदी जी के नेतृत्व में विश्वास को व्यक्त करता प्रतीत हो रहा है।
दरअसल भारत का विपक्ष मोदी को हटाने के लिए इस बार पूरी तरह एकजुट हो गया था। भाजपा ने इसी संगठित प्रयास को एक ईमानदार सरकार के खिलाफ बेइमानों का जमावड़ा करार दिया और जनता को समझा दिया कि ये परिवारवादी दल भारत का बंटाधार करने पर लगे हुए हैं। जनता को मोदी के विकल्प के रूप में कोई मजबूत नेता चाहिए था जो विपक्ष प्रस्तुत ही नहीं कर पाया। विपक्ष की आपस की फूट और राहुल गांधी के मूर्खतापूर्ण खटाखट के भाषणों ने जनता को बता दिया कि मोदी के अलावा भारत को विश्वपटल पर स्थापित करने वाला और कोई नहीं है। मोदीजी ने और भाजपा ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर जनता को विश्वास दिलाया कि विपक्ष आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त है और सिर्फ अपने परिवार को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहा है। बची खुची कसर केजरीवाल की जेलयात्रा नौटंकी, सुप्रीम कोर्ट के इनपर दिए गए गैर जरूरी फैसले और स्वाति मालीवाल कांड ने निकाल दी। जनता को पता चल गया कि मोदी को हटाने के लिए न्यायपालिका तक ने कमर कस ली है। भारत में सब कुछ बर्दाश्त हो सकता है पर किसी एक आदमी के खिलाफ, जिसकी ईमानदारी पर कभी कोई शक नहीं है, यह संगठित गाली गलौज पर उतरा विरोध बर्दाश्त नहीं हो सकता है।
भारत के जितने भी क्षेत्रीय दल हैं सभी परिवार विशेष की बपौती बन कर रह गए हैं और सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। सभी की कुल पारिवारिक संपत्ति उनकी कुल आय से हजारों गुणा ज्यादा है। यह सभी की नजरों के सामने है अतः जनता ने मोदी को चुना है। पर याद रखिए ये अंतरिम परिणाम हैं असली परिणाम 4 जून को आएंगे और उलट फेर की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अभी के लिए विभिन्न एक्जिट पोल के नतीजे इस प्रकार हैं-
चैनल भाजपा+ इंडिया
IndiaTV 371 139
401 109
Republic 364 139
NDTV 365 146
News24 400 107
TV9 346 162
Zee 400 107
R भारत 368 133
एबीपी न्यूज 383 182
इंडिया टूडे 329 154
न्यूज18 370 140
आजतक 401 166
नोट - दोनों ही घटकों को मिले सबसे ज्यादा सीटों को लिया गया है।- 
संकलन और आलेख मनोज कुमार मिश्र
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ