जून 2024 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार
हर हर महादेव!!
मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं।
ज्येष्ठ मास एवं ज्येष्ठ मास के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए आइए चर्चा करते हैं ज्येष्ठ मास के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में।
अंग्रेजी कैलेंडर का जून महीना बहुत ही महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। इस महीने में हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ और आषाढ़ का महीना होता है। ज्येष्ठ महीना प्रचंड गर्मी के रूप में जाना जाता है और आषाढ़ के महीने में गर्मी के साथ-साथ हल्की-हल्की बारिश भी होती है।
इस वर्ष 22 जून 2024 तक ज्येष्ठ मास रहेगा उसके बाद आषाढ़ माह आरंभ होगा।
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि का क्षय हो जाने के कारण कृष्ण पक्ष 14 दिनों का था। किंतु ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में द्वादशी तिथि की वृद्धि हो जाने के कारण ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष 16 दिनों का हो गया है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में तीन शुक्रवार और तीन शनिवार पड़ने के कारण यह महीना मिला-जुला फल देने वाला होगा।
2 जून रविवार को अचला अर्थात अपरा एकादशी का व्रत गृहस्थों के लिए होगा।
3 जून सोमवार को अपरा एकादशी का व्रत वैष्णवों के लिए होगा।
4 जून मंगलवार को प्रदोष व्रत होगा। आज के इस व्रत को भूमि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। आज ही मासिक शिवरात्रि का व्रत होगा। आज के दिन बड़का मंगल के नाम से भी त्यौहार मनाया जाता है।
5 जून बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा। आज के दिन पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोग अपना योगदान करते हैं। पर्यावरण सुरक्षा के लिए वृक्ष लगाना सर्वोत्तम माना जाता है। भरपूर मात्रा में विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षारोपण करना चाहिए।
आज व्रत की अमावस्या है
6 जून गुरुवार को स्नान दान श्राद्ध की अमावस्या है। आज वट सावित्री का व्रत होगा।
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनिदेव का जन्मदिन माना जाता है। अतः न्याय के देवता, कर्म फल दाता, छाया सुत, सूर्यपुत्र भगवान श्री शनि देव का जन्मोत्सव पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाएगा। विश्व भर के प्रत्येक शनि मंदिर में शनि देव की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। आज के दिन छाया दान करना, गरीबों को भोजन कराना, गरीबों को धन का दान करना अत्यंत श्रेष्ठ फलदायक माना जाता है।
7 जून शुक्रवार को चंद्र दर्शन होगा।
9 जून रविवार को महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
10 जून सोमवार को विनायक की श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
11 जून मंगलवार को जैन समुदाय का श्रुति पंचमी का त्यौहार होगा।
उड़ीसा प्रांत में महादेव विवाह के रूप में आज के दिन को मनाया जाएगा।
12 जून बुधवार को स्कंद षष्ठी का व्रत होगा।
14 जून शुक्रवार को मासिक श्री दुर्गा अष्टमी का व्रत होगा।
15 जून शनिवार को राजस्थान के माहेश्वरी समाज का महेश नवमी का त्यौहार होगा । आज मिथुन संक्रांति भी है। भगवान सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
16 जून रविवार को श्री गंगा दशहरा का व्रत होगा। आज ही वेदों की माता गायत्री माता का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ महामंत्र गायत्री मंत्र का जाप करना, हवन पूजा इत्यादि करना आज के दिन अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है। आज ही के दिन भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए समुद्र पर सेतु बंधन का कार्य आरंभ किया था। अतः आज के दिन को सेतुबंध रामेश्वर प्रतिष्ठा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
17 जून सोमवार को निर्जला एकादशी का व्रत गृहस्थों के लिए मान्य होगा। इसे भीमसेनी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष का यह सबसे कठिन एकादशी का व्रत होता है।
18 जून मंगलवार को निर्जला एकादशी का व्रत वैष्णवों के लिए होगा ।आज के दिन राजस्थान के खाटू में खाटू श्याम बाबा का मेला बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाता है । आज ही जैन समुदाय के भगवान सुपार्श्वनाथ का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
19 जून बुधवार को प्रदोष व्रत होगा।
21 जून शुक्रवार को व्रत की पूर्णिमा होगी। आज के दिन को विश्व योग दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। विश्व भर के प्रत्येक व्यक्ति अपने शरीर को पुष्ट रखने के लिए, स्वस्थ रहने के लिए योग, प्राणायाम और व्यायाम करते हैं।
22 जून शनिवार को स्नान दान की पूर्णिमा है। आज संत कबीर दास जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
23 जून रविवार को गुरु हरगोबिंद सिंह का जन्मोत्सव मनाया जाएगा
25 जून मंगलवार को अंगारकी संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
29 जून शनिवार को श्री शीतला अष्टमी का व्रत होगा।
विशेष टिप्पणी:
3 जून की सुबह 7:00 बजे देवगुरु बृहस्पति पूर्व दिशा में उदय हो जाएंगे। किंतु शुक्र अभी भी अस्त चल रहे हैं। इसलिए विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त प्रारंभ नहीं हो पाएंगे। ग्रहों की स्थिति के कारण भयंकर गर्मी पड़ेगी। 3 जून के आसपास आंधी पानी के साथ वर्षा होने के योग प्राप्त हो रहे हैं।
उत्तर भारत को तीव्र गर्मी का सामना करना पड़ेगा। तेज हवा एवं लू से परेशानी होगी। गर्मी से जनजीवन त्रस्त रहेगा। मैदानी भागों में मानसून का आगमन होगा। असम, मेघालय,अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ की संभावना बनेगी। कहीं-कहीं बहुत ही कम वर्षा होगी।
8 जून शनिवार की सुबह 6:52 पर भगवान सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। जिसके कारण उमस भरी गर्मी से जनता त्रस्त हो जाएगी।
15 जून शनिवार की सुबह 7:20 पर भगवान सूर्य वृषभ राशि को छोड़कर बुध ग्रह की साधारण राशि मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
22 जनवरी शनिवार की सुबह 7:44 पर भगवान सूर्य मृगशिरा नक्षत्र को छोड़कर आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार सूर्य का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश, मिथुन राशि में प्रवेश और आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश शनिवार को होने के कारण वर्षा की संभावना बहुत कम होगी। जिसके कारण भीषण गर्मी पड़ेगी।जनमानस गर्मी से बेहाल हो जाएंगे। कुछ दैवी प्राकृतिक दुर्घटनाएं भी धन-जन को हानि पहुंचा सकती है।
बाजार में दो तरफा रुख देखने को मिलेगा। अन्नादि पदार्थों के भाव सामान्य रहेंगे। गुड़, शक्कर के मूल्यों में में कोई विशेष चाल, तो तिलहन में, अनाज और दालों में मंदी का भाव चलेगा। सोना एवं चांदी तथा खट्टे पदार्थों में, रुई, काली मिर्च और हल्दी के भाव में तेजी रहेगी। कत्था , सुपारी, लाल मिर्च, किराना बाजार के भाव भी तेज रह सकते हैं। सोना और चांदी के मूल्यों में गिरावट आ सकती है। बाद में फिर तेजी आएगी। रुई की फसल खराब होने की संभावना है। अतः रूई, चना, गेहूं और जौ में अच्छी तेजी के कारण शेयर बाजार की स्थिति सामान्य रहेगी।
*रोग विमुक्ति स्नान का मुहूर्त*5 जून 2024 बुधवार
एलर्जी:
आजकल लगभग प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की एलर्जी की बीमारी से ग्रसित होता है। किसी को धूप से एलर्जी है। किसी को खाने वाले किसी पदार्थ से एलर्जी है। किसी को किसी प्रकार के कपड़े से एलर्जी है। अर्थात किसी न किसी प्रकार के एलर्जी प्रायः सभी व्यक्ति को होती है। कई बार एलर्जी भयानक रूप ले लेती है और जिसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है। उसी प्रकार चर्म रोग भी व्यक्ति को काफी परेशान करता है। किसी भी प्रकार की एलर्जी हो या चर्म रोग हो अथवा जन्म कुंडली में बुध कमजोर हो जिसके कारण वाणी दोष, हकलाहट, तुतलाहट हो या किसी प्रकार से आर्थिक समस्या हो। जिसे शास्त्रों में आर्थिक बीमारी अर्थात गरीबी कहा गया है। इन सब के प्रतिनिधि ग्रह बुध को माना गया है। यदि जन्म कुंडली में बुध कमजोर हो तब ऐसी स्थिति बन जाती है।ऐसे में यदि बुधवार को रोग विमुक्ति स्नान का मुहूर्त मिल जाए तो विधिवत स्नान करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
ऐसे में कुछ ऐसे उपचार हैं जिन्हें हमारे विद्वान ऋषि महर्षियों ने शोध करने के बाद हमें बताया कि किसी खास मुहूर्त में, किसी खास नक्षत्र में यदि हम विधिपूर्वक स्नान कर लें और ऐसा लगातार 6 महीने अथवा 1 वर्ष तक कर लें तो बड़े से बड़े असाध्य रोगों से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
इस दिन यदि विधिवत स्नान किया जाए तो इसका विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।स्नान करने के पानी में नीम के पत्ते,अशोक के पत्ते और एक गांठ वाली हल्दी डालकर उसको अच्छी तरह से उबाल लिया जाए और फिर उसे ठंडा करके उस जल से स्नान कर लिया जाए तो ऐसा करना शरीर को स्वस्थ करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति है तो भी ऐसा स्नान कर सकता है। यदि कोई रोगी व्यक्ति हो तो उसे अवश्य ही यह प्रयोग करना चाहिए।
5 जून 2024 बुधवार की सुबह 10:25 से दोपहर 12:39 के बीच रोग विमुक्ति स्नान का मुहूर्त मिल रहा है। इस मुहूर्त में स्नान मात्र करने से चमत्कारिक रूप से इस प्रकार के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। एक बार इसका प्रयोग करके प्रत्यक्ष अनुभव आप स्वयं प्राप्त करें।
धन्यवाद!!
नमः शिवाय!!
इति शुभ मस्तु!!
कल्याण मस्तु!! लेखक: रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन। ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com