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वक्त सदा उसका गुलाम होता है ----

वक्त सदा उसका गुलाम होता है ----

वक्त सदा ही उस शख्स का गुलाम होता है,
नेकी की राह चलना,जिसका काम होता है।
लिखता है पत्थर दिलों पर दास्तां प्यार की,
इतिहास के पन्नों पर, उसका नाम होता है।
आज भी बसते हैं राम और सिया घर घर में,
जिनके घरों में मर्यादा का सम्मान होता है।
बच्चें चलें दो कदम, अनैतिकता की राह पर,
यकीं मानिए, सारा घर ही बदनाम होता है।
देता जो दाना परिंदों को और भूखे को रोटी,
उस आदमी में इंसानियत का भान होता है।
देश हित सीमा पर खडा,जान हथेली लेकर,
सैनिक गाँव-देश, माँ-बाप की शान होता है।
लूटते मुल्क को जो रहनुमा, सत्ता में बैठकर,
सफेदपोश लुटेरों से, मुल्क बदनाम होता है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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