Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

मरना एक दिन सबको है

मरना एक दिन सबको है,

सब मरने से क्यों डरते हैं।
जब तक जिन्दा रहते हैं ,
क्यों काम न अच्छा करते हैं।।
बुरा काम शीघ्र फल दाता,
अच्छा का कठिन डगर है।
एक पथ ही चुनना है सबको,
इसमें भी अगर मगर है।।
उलझन में पड़ सबका जीवन,
ऐसे ही कटता जाता है।
कैसा है नादान मनुज जो,
निर्णय नहीं ले पाता है।।
परमपिता ने मानव जीवन,
कुछ ऐसा ही बनाया है।
अच्छा बुरा की गुत्थी को,
ज्ञानी भी सुलझा न पाया है।। 
 जय प्रकाश कुवंर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ