मानवता ,दानवता और देवत्व
सुशील कुमार मिश्रमानवता से पतित हुआ जो, उसी को दानव कहते हैं।
उठा जो मानवता से ऊपर ,देव उसी को कहते हैं।
मानवता से नीचे वाली ,सीढ़ी दानवता की है।
मानवता से ऊपरवाली ,सीढ़ी ही देवों की है।
मानवता से ऊपर उठकर, देव बनें सर्वोत्तम है।
मानवता का धर्म निभाएं ,ये भी जग में उत्तम है।
लेकिन मानवता से नीचे, गिरना अच्छी बात नहीं।
अपने को ही नष्ट भ्रष्ट ,कर देना अच्छी बात नहीं।
रोको -रोको अपने आपको ,दानव हम न बन जाएं।
देवत्व नहीं संभव है तो,मानव बनकर ही रह जाएं।-
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