"उम्मीदों के पंखों पर उड़ान"

"उम्मीदों के पंखों पर उड़ान"

"उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान, वह घायल भी उम्मीदों से है और जिंदा भी उम्मीदों पर है।"


यह पंक्ति मानव जीवन के सार को छूती है। उम्मीदें ही वो शक्ति हैं जो हमें जीवन के कठिनतम दौर में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।


जैसे एक परिंदा अपने पंखों पर उड़ान भरता है, वैसे ही हम भी उम्मीदों के पंखों पर उड़ान भरते हैं। उम्मीदें हमें सपने देखने, लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें पाने के लिए प्रयास करने की प्रेरणा देती हैं।


जीवन में अनेक बार ऐसा समय आता है जब हम हताश और निराश महसूस करते हैं। लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता, हार निश्चित है। ऐसे समय में उम्मीदें ही वो किरण हैं जो हमें अंधकार से बाहर निकालने में मदद करती हैं।


उम्मीदें हमें हार न मानने की प्रेरणा देती हैं। वे हमें प्रेरित करती हैं कि हम फिर से उठें, धूल झाड़ें और आगे बढ़ें।


लेकिन उम्मीदें सिर्फ सपने देखने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें उन उम्मीदों को पूरा करने के लिए कठोर परिश्रम भी करना चाहिए। हमें अपनी उम्मीदों पर विश्वास रखना चाहिए और हार न मानने की भावना से प्रेरित रहना चाहिए।


यह भी सच है कि उम्मीदें हमें घायल भी कर सकती हैं। जब हमारी उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, तो हमें निराशा और दुख का सामना करना पड़ता है।


लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। हमें अपनी उम्मीदों को फिर से जगाना चाहिए और नए लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।


क्योंकि जीवन उम्मीदों के बिना अधूरा है। उम्मीदें ही वो ज्योति हैं जो हमारे जीवन को प्रकाशमय बनाती हैं।


तो आइए, हम सब मिलकर उम्मीदों के दीप जलाएं और अपने जीवन को सार्थक बनाएं।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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