ई बिहार ह

ई बिहार ह

ई बिहार ह
भारत के पुष्पहार ह ,
ई बिहार ह ।
तोहार ह हमार ह ,
सबके मन के प्यार ह ,
ई बिहार ह ।
ना हम अगराईल ,
ना हम मन्हुआईल ।
भारत के ई सदाबहार ह ,
ई बिहार ह ।
क्षुधा बुझावे देश परदेश जावे ,
आपन छोड़ दोसरे के बनावे ,
तबहुं बिहार बदनामिए पावे ।
लोग के सेवा में ,
हर पल तैयार ह ,
ई बिहार ह ।
भला बुरा हर जगह होखे ,
चाहे एकर जवन वजह होखे ।
संस्कार सभ्यता ,
शिष्टाचार ह ,
ई बिहार ह ।
ना बिहार पंगु ह ,
ना बिहार लाचार ह ,
भारत के पावन आचार ह ,
ई बिहार ह ।
बिहार विश्व के ज्ञानस्थली ,
भोजपुरी संस्कृति ,
सृजनहार ह ,
ई बिहार ह ।


पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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