छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता को कम करने के लिए हिन्दू विरोधी नैरेटिव ! - श्री. उदय माहुरकर, पूर्व सूचना आयुक्त, भारत सरकार

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ : पत्रकार परिषद !

छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता को कम करने के लिए हिन्दू विरोधी नैरेटिव ! - श्री. उदय माहुरकर, पूर्व सूचना आयुक्त, भारत सरकार

      छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान सम्राट और राष्ट्र-निर्माता थेजिन्होंने दक्षिण गुजरात से तमिलनाडु में जिंजी तक 1600 किलोमीटर तक फैला राज्य बनाकर मुगल शासन के अंत की नींव रखीलेकिन हिन्दू विरोधियों ने उनके महान कार्य को दबा दिया और उन्हें इतिहास में एक साधारण मराठा योद्धा के रूप में दिखाया गया है । छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता को कम किया जा रहा है । स्वतंत्रता के बाद हमारे इतिहास को विकृत करके और बहुसंख्यक हिन्दुओं पर मुगलों का महिमामंडन करनेवाला झूठा इतिहास थोपकर हिंदुओं में भ्रमभेदभाव और हीनता पैदा करने के लिए कई हिन्दू विरोधी नैरेटिव अभी भी रचे जा रहे हैं । इसके विरुद्ध अब हिंदुओं को जागना होगा और हिन्दू विरोधी नैरेटिव को पहचानना होगा । उसका अध्ययन कर इस हिन्दू विरोधी नैरेटिव का भांडाफोड किया जाना चाहिएसेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के संस्थापकलेखकइतिहासकार और भारत के पूर्व सूचना आयुक्त श्रीउदय माहुरकर ने कहा ।
       वे गोवा के फोंडा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के चौथे दिन श्री विद्याधिराज सभागार में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ‘हिन्दू विरोधी नैरेटिव का प्रत्युत्तर’ विषय पर बोल रहे थे । इस अवसर पर उत्तर प्रदेश से ‘प्राच्यम्’ के संस्थापक एवं विचारक श्रीप्रवीण चतुवेर्दीहरियाणा स्थित विवेकानन्द कार्य समिति के अध्यक्ष एवं विचारक श्रीनीरज अत्री एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीरमेश शिंदे उपस्थित थे ।
 हिन्दू विरोधी नैरेटिव के बारे में बात करते हुएश्रीमाहुरकर ने आगे कहा कि हिन्दुओं को नैरेटिव (झूठे कथानककी लड़ाई जीतना सीखना होगा । हिन्दू अपने उदारवादी स्वभाव के साथ-साथ संघर्ष करने की वृत्ति की कमी के कारण हमेशा नैरेटिव की लडाई हारते रहे हैं । ये आजादी के समय से स्थिति है । 2002 के गुजरात दंगों से पहले गोधरा में साबरमती ट्रेन में 59 हिन्दू मारे गए थेलेकिन कम्युनिस्ट और इस्लामवादी रणनीतिकारों ने कहा कि मानरेंद्र मोदीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा ने मुस्लिम विरोधी लहर पैदा करने के लिए इस कृत्य को अंजाम दिया । दरअसलगुजरात हाई कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया कि मुसलमान भीड ने रेलवे के डिब्बे जलाए थे ।
      इस समय प्राच्यम् के संस्थापक एवं विचारक 
श्रीप्रवीण चतुवेर्दी ने कहा कि हिन्दू धर्म प्रेमकरुणा और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है । मात्र पूरी दुनिया में उनकी बदनामी की जा रही है । जातिवादब्राह्मणवादी पितृसत्ता जैसे शब्द विशेष रूप से हिन्दू युवाओं के बीच एक-दूसरे के प्रति भ्रम और नफरत बढाने के लिए गढे गए हैं । इन झूठी कहानियों का मुकाबला केवल उनके मिथ्यात्व को उजागर करके ही किया जा सकता है । उदाहरण के लिएहमारे यहां जाति की कोई अवधारणा नहीं थीकेवल वर्ण थालेकिन अंग्रेजों ने हमें बांटने के लिए जाति व्यवस्था बनाई । इसके अलावा इसे भारत और हिन्दू धर्मसंस्कृतिहजारों वर्षों से जीवन के सभी क्षेत्रों के हिन्दुओं की उपलब्धियों को प्रस्तुत करके हासिल किया जा सकता है ।
     विचारक श्रीनीरज अत्री ने कहा कि इस विकृत नैरेटिव का एक पक्ष ये है कि पूरी तरह विनाश करनेवाले विचारों और गतिविधियों का भी समावेशी अथवा सामाजिक न्याय का  नाम देकर महिमा मंडित किया जा रहा है। इसका सबसे नवीनतम उदाहरण है मानव शरीर को क्षत-विक्षत करनेवाली प्रक्रिया । इस प्रक्रिया को ‘जेंडर रीअफर्मेशन’ के नाम पर युवाओं के समक्ष उनकी अस्थाई दुविधाओं का रामबाण उपाय बनाकर प्रस्तुत किया जा रहा है । यह एक पूर्णतया अवैज्ञानिक पद्धति को उपचार कहकर प्रस्तुत किया जा रहा है । मीडिया का ये दायित्व है कि गहन अध्ययन और शोध करने के उपरान्त ही कथानक का प्रसार प्रचार करे ।

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