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उनका यूँ चले जाना

उनका यूँ चले जाना 

ईश्वर का अपना विधान है
जो आया उसे जाना जग से
सृष्टि का यही संविधान है।

क्या किया, जब तक जिये
किसके लिए, कैसे जिये
जीवन की यह पहचान है।

कौन कितने वर्ष जिया
कौन मरकर चला गया
सब धरा पर गौण है।

इतिहास में लिखा गया जो
मानवता के लिए जिया जो
मृत्यु उस पर मौन है।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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