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एससी /एसटी एक्ट का दुरुपयोग करना बंद करे पुलिस : गिरीन्द्र मोहन मिश्र

एससी /एसटी एक्ट का दुरुपयोग करना बंद करे पुलिस : गिरीन्द्र मोहन मिश्र .

मग धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने गया पुलिस के द्वारा एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर गहरी चिन्ता और आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने इसे तुरंत रोकने और समुचित न्याय का माँग किया है. कानून सबके लिए बराबर होता है. अगर कानून एक पक्षीय हो जाएगा तब उस पर से भरोसा उठ जाएगा और समाज में अराजकता फैल जाएगा. समाज में, इलाका में शांति व्यवस्था, सौहार्द बरकरार रहे इसकी जवाबदेही पुलिस की होती है.
जानकारी हो कि गया जिला के टेकारी थाना के चिरैली गाँव के निवासी श्री शिवेंद्र कुमार मिश्र का परिवार, जिनके पूर्वजों ने मांझी जाति (एससी ) के लोगों को अपनी जमीन पर अस्थायी निवास के लिए अनुमति प्रदान किया था वो आज अत्यधिक पीड़ा का सामना कर रहा है.यह कहानी किसी अन्याय से कम नहीं है जहाँ एक परिवार की मानवता और उदारता को उनके ही खिलाफ दुरुपयोग कर जेल का हवा खिला रहा है.
घटना के संदर्भ में अध्यक्ष गिरीन्द्र मोहन मिश्र बताते हैं कि संजय मांझी ने उनके खाली जमीन पर भी अवैध कब्जा कर घर बना रहा था.जब श्री मिश्र के परिवार ने उनसे जमीन खाली करने का अनुरोध किया, तो उन्हें लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से बेरहमी से पीटा गया. इस हमले में शामिल थे संजय मांझी, करिमन मांझी , गनोरी मांझी, चरित्र मांझी, सुरेंद्र मांझी, बूटा मांझी के साथ साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य.जब मिश्र परिवार टेकारी थाने में शिकायत दर्ज कराने गया, तो उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई बल्कि उन्हें वहीं बैठा दिया गया.थाने के प्रभारी ने मिश्र परिवार की शिकायत नहीं सुनी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया. कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव में आकर थाने के प्रभारी ने मांझी परिवार की शिकायत लिखी जिसमे बहुत सारी धाराओं के साथ एससी/ एससी एक्ट भी लगाया और मिश्र परिवार को गिरफ्तार कर लिया. आश्चर्य की बात तो यह है कि इस अवैध कब्जे के सम्बन्ध में कई बार थाना , ब्लॉक एवं अनुमंडल में आवेदन और कागज़ात जमा किये गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
हालात यह है कि आज मांझी परिवार के लोग खुलेआम घूम रहे हैं जबकि मिश्र परिवार के निर्दोष सदस्य जेल की सलाखों के पीछे हैं.यह घटना न केवल एक परिवार के प्रति अन्याय है, बल्कि यह कानून और व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है.
अध्यक्ष ने बताया कि यह घटना दर्शाता है कि कैसे एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर निर्दोष आदमी को तबाह किया जा है.आज आवश्यकता है हमें यह सुनिश्चित करने का कि कैसे इस कानून का सही और न्यायसंगत उपयोग हो ताकि निर्दोष लोगों को झूठे आरोपों का सामना न करना पड़े. इस घटना की शिकायत गया पुलिस, गया प्रशासन, बिहार सरकार से कर दिया गया है.
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