तेरा सुंदर सपना टूट गया।

तेरा सुंदर सपना टूट गया।

राजगद्दी फिर से छुट गया।।
तुने तगड़ी फौज बनाई थी।
राजगद्दी की ये लड़ाई थी।।
पर दुश्मन तुमसे कम न था।
उसको तुम्हारा गम न था।।
हर मोर्चा पर की थी तैयारी।
इस लिए पड़ा तुम पर भारी।।
तुम्हारे सेनानी भी खूब लड़े।
पर उसके तुम परे भारी पड़े।।
राजगद्दी जीत वह सफल रहा।
चक्रव्यूह तुम्हारा विफल रहा।।
सम्हालो अपने सेना को।
कहीं हार झेल वो बिखर न जाय।।
एक बार फिर तुम वर्षों तक।
करते रह जाओगे हाय हाय।। 
 जय प्रकाश कुवंर
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