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हाय हेलो सीखा है तुमने,

हाय हेलो सीखा है तुमने,

नमस्कार आया ही नहीं।
शिक्षा तुमने पाया है, पर
संस्कार आया ही नहीं।।
बड़ों को इज्जत, छोटों को प्यार,
सबसे हो मधुर व्यवहार।
मीठे बोल लगे अनमोल,
यही है भारतीय संस्कार।।
घर और गुरूकुल में,
पहले ज्ञान सिखाया जाता था।
मानव तो हम जन्मे थे,
हमें इंसान बनाया जाता था।।
अब वो पढ़ाई रही नहीं,
कमाउ शिक्षा आ गयी।
दर्जा हमारा भले बढ़ा,
पर संस्कार को खा गयी।।
देर नहीं हुआ है अब भी,
अपने बच्चों को संस्कार सिखलाओ।
छोड़ विदेशी नकल सभी तुम,
पूर्ण भारतीय तुम बन जाओ।। 
 जय प्रकाश कुंअर
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