विघ्न डालना रोड़े लगाना

विघ्न डालना रोड़े लगाना

विघ्न डालना रोड़े लगाना, काम है हमारा,
चलते बैल को पनी चुभाना, काम है हमारा।
रामायण में राक्षसों की गाथाएँ सुनी सबने,
हवन यज्ञ में विघ्न डालना, काम है हमारा।


भक्त-


भूलना मत सामर्थ्य राम की, धर्म की रक्षा,
बचपन में ताड़का को मारा, हवन की रक्षा।
पाषाण सी अहिल्या को, जीवन सार बताया,
दिखा कर नया मार्ग, करी मानवता की रक्षा।


आदर्शों की खातिर, सिंहासन त्याग डाला,
महलों से निकल कर, वनों में डेरा डाला।
दुष्टा सुपर्णखा को नाक काट कर सजा दी,
ऋषि मुनियों की रक्षा, सुबाहु को मार डाला।


कर लिया हरण, छल कपट से जानकी को,
तलाश में जुट गये,पशु पक्षी भी जानकी को।
अंगद ने झुका दिया शीश रावण का ल़ंका में,
हनुमान ने खोज लिया वाटिका में जानकी को।


राम की सेना तो समर्पण से बनी थी,
पशु पक्षी वानर से मिलकर बनी थी।
लक्ष्य था सबका बस दुष्टों को मिटाना,
भगवा का परचम फहराने को बनी थी।


राम काज में जो विघ्न डालने, लक्ष्य सबका उसको मिटाना,
लगी आग रावण की लंका, हनुमान संकल्प सबने पहचाना।
अभी कुम्भकरन मेघनाथ ही मरे, राक्षस बहुत मार्ग में खड़े,
वानरों के संग राम का लक्ष्य, धरा से राक्षस रावण मिटाना।।

अ कीर्ति वर्द्धन
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