कठिन दौर जब भी आता है !

कठिन दौर जब भी आता है !

अंजनी कुमार पाठक
कठिन दौर जब भी आता है !
मानवता की परिभाषा का
बोध कराने आ जाता है।
रिश्ते -नाते मतलब के हैं
भेद भी इसका खुल जाता है।
मानव जीवन कठिन डगर है
पतझड़ यह बतला जाता है।
एक दूजे से प्यार करें नर
कहने को सिर्फ रह जाता है।
आना जाना रीति जगत की
समयचक्र ना रूक पाता है।कठिन दौर जब भी आता है !
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