कारगिल हिल पर, तिरंगी शान झिलमिल

कारगिल हिल पर, तिरंगी शान झिलमिल

26 जुलाई दिवस अद्भुत,
कारगिल विजय भव्य बेला ।
सर्वत्र बखान शौर्य गाथा,
उत्सर्ग नमित भाव नवेला ।
रज रज दर्शन अदम्य साहस ,
जय हिंद उद्घोष हिल मिल ।
कारगिल हिल पर,तिरंगी शान झिलमिल ।।

हिंद जवानी रवानी अनूप,
शत्रु रणनीति धराशाही ।
खदेड़ दुश्मन सीमा पार ,
सेना अर्जित वाही वाही ।
पांच सौ सताईस शहादत,
नव जोश उमंग प्रेरणा चिल ।
कारगिल हिल पर, तिरंगी शान झिलमिल ।।

दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र अंतर ,
युद्ध कौशल कला परिचय।
तहस नहस शत्रु चौकियां,
उर विजय भव दृढ़ निश्चय ।
अथक संघर्ष विपरित परिस्थिति ,
हर प्रयास अभिवंदित गिल ।
कारगिल हिल पर, तिरंगी शान झिलमिल ।।

जीवन एक मात्र ध्येय,
हर्षित गर्वित राष्ट्र धरा ।
आंतरिक बाह्य सुख शांति ,
देश हित तत्पर कतरा कतरा ।
राष्ट्र प्रथम मूल मंत्र आत्मसात ,
प्राण आहुति सह जीवन खिल खिल ।
कारगिल हिल पर, तिरंगी शान झिलमिल ।।

महेन्द्र कुमार

(स्वरचित मौलिक रचना)

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