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विद्यासागर है देव

विद्यासागर है देव

हे देव गुरुदेव...
विद्यासागर है देव..।
हे देव गुरुदेव..
विद्यासागर है देव।।


जो भी जपे तुमको
सुबह और शाम।
सुख शांति वो पाये
जीवन में अपने।
मन में बस अपने
श्रध्दा तुम रखो।
मानव-धर्म का तुम
बस निर्वाह करों।
जीवन तेरा तब ये
सफल हो जायेगा।।
हे देव गुरुदेव....।


शिष्य पर गुरु की
रहती है कृपा।
शिष्य को गुरु का
रखना होगा ध्यान।
गुरु को न होवें
कोई दुख दर्द।
रखना तुमको पड़ेगा
ता-उम्र उनका ध्यान।।
हे देव गुरुदेव....।।


त्यागा है उन ने
अपना घर द्वार।
आत्म कल्याण का
मार्ग उन्होंने चुना है।
संसारिक बातों का
त्याग उनने किया है।
उपदेशों से ही बस
मार्ग बता रहे है।।
हे देव गुरुदेव...
विद्यासागर है देव..।
हे देव गुरुदेव..
विद्यासागर है देव।।


जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई


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