मानसिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए गुरु का सानिध्य जरूरी

मानसिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए गुरु का सानिध्य जरूरी

  • मातृ उद्बोधन आध्यात्मिक केन्द्र ने मनाया गुरु पूर्णिमा

दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा जी की खास खबर |
जीवन की सार्थकता के लिए जीवन में आध्यात्मिक गुरु का होना जरूरी है। आध्यात्मिक गुरु के प्रति प्रेम, आस्था और विश्वास बनाए रखना होगा तभी जीवन के क्षेत्र में सफलता संभव है, उक्त उद्गार मातृ उद्बोधन आध्यात्मिक केन्द्र , अशोक नगर, कंकड़बाग, पटना द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मुख्य अतिथि जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने व्यक्त किए।

कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए ट्रस्ट के संचालक ठाकुर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रातः 8:30 बजे आश्रम से सद्गुरु जी की चरण पादुका को भजन कीर्तन के साथ ट्रस्ट के महासचिव श्री सतीश कुमार सिंह अपने सिर पर रखकर कार्यक्रम स्थल (राजा उत्सव कम्युनिटी हॉल)पर लाये और मंच पर आसीन किया। इसके बाद पुरोहित जी एवं प्रसादी जी द्वारा स्वास्तिका वाचन कर सद्गुरु जी का पूजन किया गया। यजमान के रुप में फाल्गुनी मित्रा और कृष्णा मित्रा विराजमान हुए। फिर नौ कन्याओं द्वारा सद्गुरु जी का स्वागत किया गया और सद्गुरु जी की आरती की गई। इसके बाद मुख्य अतिथि का स्वागत ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा तिलक लगाकर माला अर्पण किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र, स्फटिक माला और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि द्वारा स्मारिका एवं कैलेंडर का लोकार्पण किया गया।

मुख्य अतिथि सूचना एवम जन सम्पर्क विभाग से सेवा निवृत जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने उपस्थित भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु के बिना जीवन निरर्थक है। जीवन को सार्थक बनाने के लिए हमें एक आध्यात्मिक गुरु का चयन करना होगा। उनके प्रति प्रेम, आस्था और विश्वास रखना होगा। गुरु की जब कृपा हो जाती है तो कठिन से कठिन काम भी सरल हो जाता है और हर मुसीबत से छुटकारा मिल जाता है। इसलिए जीवन को सफल बनाने के लिए गुरु का सानिध्य जरुरी है।


संध्याकालीन कार्यक्रम 3:30 बजे से 5:00 बजे तक गुरुभाई एवं बहनों द्वारा भजन कीर्तन प्रस्तुत किया गया। 5:00 बजे सद्गुरु जी का मंच पर आगमन हुआ। इसके बाद नौ कन्याओं द्वारा सद्गुरु जी का स्वागत गान एवं मंगल आरती प्रस्तुत किया गया। इसके बाद ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा विशिष्ट अतिथि सर्जन डॉ अनिल कुमार का स्वागत तिलक लगाकर और माला अर्पण किया गया। फिर पुष्प गुच्छ,अंग वस्त्र, स्फटिक माला, स्मृति चिन्ह, स्मारिका और कैलेंडर देकर सम्मानित किया गया।
इसके बाद विशिष्ट अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर भजन संध्या का उद्घाटन किया गया। तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि ने सद्गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु के बिना जीवन सार्थक नहीं हो सकता है। जीवन के हरेक क्षेत्र में सफलता के लिए गुरु का सानिध्य अति आवश्यक है। इसके बाद कार्यक्रम के उद्घोषक श्री मनोज मुक्त सहित भजन संध्या के कलाकारों का स्वागत ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा तिलक लगाकर और माला अर्पण करके किसी गया। भजन संध्या के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए कर्ण प्रिय भजनों और लोकगीतों को सुनकर भक्तजन झूम उठे। अंत में ट्रस्ट के संचालक ठाकुर अरुण कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

उक्त अवसर पर सैंकड़ों गुरु भाई -बहन, भक्तजन, पत्रकार बंधु सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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