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मन कहता है खुब नाचो गाओ।

मन कहता है खुब नाचो गाओ।

तीरथ करो और डूबकी लगाओ।।
सावन है पावन शिव दर्शन कर लो।
अमरनाथ यात्रा कर मन को भर लो।।
जेब कहता है, धेला नहीं पास है।
यात्रा के लिए फिर किसका आस है।।
मन की आस तुरत दब जाता है।
पैसे की अहमियत तब समझ आता है।।
घर से बाहर तक पैसे का खेल है।
भरा और खाली जेब दोनों बेमेल है।।
आज कल पैसा हीं हंसी है ।
और पैसा हीं तुम्हारी खुशी है ।।
बिना पैसे उंची ख्वाब देखना,
कम पैसे वाले के लिए खुदकुशी है।।
मन के अरमान सब धरे रह जायेंगे।
बिना पैसा ख्वाब नहीं पूरा हो पायेंगे।। 
 जय प्रकाश कुवंर
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