संकल्प शक्ति

संकल्प शक्ति

संकल्पों की वेदी पर जहाँ ज्योति जले,
मन की उमंगों का वहीँ समावेश चले।
दृढ़ निश्चय की शक्ति से पर्वत सरके,
असंभव भी संभव करो, जब जग परखे।

इच्छाशक्ति का तूफान, जब ह्रदय में उठे,
कामों का बोझ भारी, भी हल्का लगने लगे।
पग-पग पर कठिनाई, राह में अनेक आए,
हिम्मत न हारो तुम, संकल्प अपना निभाए।

जैसे दीपक जलता, अंधेरे में प्रकाश फैला,
वैसे ही संकल्पों का, जीवन में प्रभाव पड़ता।
नकारात्मक विचारों को, मन से दूर भगाओ,
सकारात्मक ऊर्जा से, लक्ष्य अपना पाओ।

संकल्पों की पुण्यवेदी, तुम्हें शक्ति देगी,
हार न मानो तुम कभी, जीत तुम्हारी होगी।
स्वयं पर विश्वास रखो, दृढ़ रहो एकाग्र रहो,
सफलता कदम चूमेगी, हर पल हर क्षण।

. स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
पंकज शर्मा
"कमल की कलम से"
 (शब्दों की अस्मिता का अनुष्ठान)
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