कांवर यात्रा गीत

कांवर यात्रा गीत

ग्रामीण भाषा में रचित रचना
(इस गीत में कांवरिया पथ के दूरी का आकलन भी है)
कांवरिया चलते रहिहा हो
केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।
गंगा घाट से जलवा भरिहा,बोल बम कहि कहि आगे बढ़िहा।
कि दुरिया घटते रहतो हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।१।
ग्यारह किलोमीटर चलिहा असरगंज तू जबे पहुंचिहा
बोलो बम कहते रहिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।२।
असरगंज से आगे बढ़िहा साते किलोमीटर चलिहा
तारापुर तू पहूंचिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।३।
तारापुर से आगे बढ़िहा,दश किलोमीटर फिर चलिहा
रामपुर तबे पहुंचिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।४।
रामपूर से आगे बढ़िहा,आठे किलोमीटर चलिहा
कुमरसार नदी नहैहा हो,बोल बम बोलो बम कहते कहते बढ़ते रहिहा हो।५।
कुमरसार से आगे बढ़िहा ग्यारह किलोमीटर जिलेबिया
मन मत हारिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।६।
जलेबिया से आगे बढ़िहा बारह किलोमीटर सुइया
पहड़िया चढ़ते रहिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।७।
सुइया से तू आगे बढ़िहा,आठे किलोमीटर चलिहा
बोल बम सेवा समितिया हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।८।
सेवा समितिया से आगे बढ़िहा,पांचे किलोमीटर चलिहा
मिलतो तबे कंवड़िया हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।९।
कंवड़िया से जब आगे बढ़िहा,आठे किलोमीटर चलिहा
इनावरन पहुंचिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।१०।
इनावरन से आगे बढ़िहा, आठे किलोमीटर चलिहा
गोड़ियारि नदी पहुंचिहा हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।११।
गोड़ियारि से आगे बढ़िहा, आठे किलोमीटर चलिहा
तब अइतो कलकतिया हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।१२।
कलकतिया से आगे बढ़िहा,अब छौ किलोमीटर चलिहा
फेर अइतो दर्शनियां हो,केतनो दूर हो बाबा नगरिया चलते रहिहा हो।१३।
दर्शनियां से आगे बढ़िहा,अब एक किलोमीटर चलिहा
आई गेलो बाबा नगरिया हो, लाइन में लगि के जलवा ढारिहा बाबा दुअरिया हो।१४।
सुशील कांवरिया रचलैं गीतिया,सुनि लेहो बम सुनि लेहो संघतिया
गीतिया गैते रहिहा हो
बोल बम के नारा सभे लगैते रहिहा हो।१५।-
सुशील कुमार मिश्र
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