साहित्य सम्मेलन के वरीय कर्मी अमरेन्द्र झा के निधन पर शोक

साहित्य सम्मेलन के वरीय कर्मी अमरेन्द्र झा के निधन पर शोक

पटना, ३० जुलाई। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के वरीय कर्मी अमरेन्द्र झा के निधन पर सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने संदेश में डा सुलभ ने स्वर्गीय झा को सम्मेलन-कार्यालय का एक मज़बूत स्तम्भ बताते हुए, कहा है कि उनके निधन से सम्मेलन की बड़ी क्षति पहुँची है। उनके असामयिक निधन से उन्हें निजी तौर पर मार्मिक वेदना हुई है। वे सम्मेलन के दूसरे सबसे पुराने कर्मी थे, जिन पर सम्मेलन का बड़ा दायित्व रहता था।
स्मरणीय है कि गत सोमवार को दूसरे पहर के बाद सम्मेलन- कार्यालय में बैठे-बैठे श्री झा अचेत होकर कुर्सी से नीचे लुढ़क पड़े। उन्हें सम्मेलन के प्रशासी पदाधिकारी सूबेदार नन्दन कुमार मीत ने पटना चिकित्सा महाविद्यालय के आपात-सेवा इकाई में लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद खबर के प्रकाश में आते ही सम्मेलन के अनेक अधिकारी और सदस्यगण सम्मेलन-कार्यालय पहुँचे। उनकी पत्नी और परिजनों को सूचना दी गयी। वे सब भी शीघ्रता से सम्मेलन पहुँचे, जहां उनका मृत शरीर अस्पताल से लाया जा चुका था।अग्नि-संस्कार के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गाँव 'सौराष्ट्र' (मधुबनी) ले ज़ाया गया। इसके पूर्व सम्मेलन के अधिकारियों और कर्मियों ने पुष्प-हार अर्पित कर भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में सम्मेलन के प्रबंधमंत्री कृष्ण रंजन सिंह, संगठनमंत्री डा शालिनी पाण्डेय, कुमार अनुपम, प्रवीर पंकज, चंदा मिश्र, नेहाल कुमार सिंह 'निर्मल', नन्दन कुमार मीत, कुमारी मेनका, सुनीता देवी, महेश प्रसाद, बीरेन्द्र प्रसाद,राहूल कुमार, मयंक कुमार आदि सम्मिलित थे।
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