दीप जलाकर शिक्षा के, जो शिक्षित राष्ट्र बनाते हैं,

सभी ज्ञात अज्ञात गुरूजनों शिक्षकों के सादर नमन।

दीप जलाकर शिक्षा के, जो शिक्षित राष्ट्र बनाते हैं,

माली बनकर बच्चों के, भटकने से सदा बचाते हैं।
क्या है धर्म, राष्ट्र क्या होता, क्या अपना कर्तव्य,
बूँद बूँद में सार भरा है, जो गुरूवर हमें पढाते हैं।
मात पिता की सेवा करना और बुजूर्गों का सम्मान,
भारत की संस्कृति में क्या, गुरूवर ज्ञान दिलाते हैं।
वेद ऋचायें अनन्तकाल से, ब्रह्मांड के राज समेटे,
गूढ रहस्य कैसे खुलते, व्याख्या कर समझाते हैं।
माता जन्म देकर बच्चे को, इस धरती पर लाती,
गुरूवर ज्ञानपुंज से अपने, इन्सां उसे बनाते हैं।
नमन करूँ हरपल गुरूवर को, जिसने जीवन वार दिया,
निज इच्छायें, परिवार भूलाकर, समर्थ राष्ट्र बनाते हैं।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
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