Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

ऋषि अगस्त्य और जटायु से भेंट

ऋषि अगस्त्य और जटायु से भेंट

डॉ राकेश कुमार आर्य 
ऋषि शरभंग के आश्रम के पश्चात श्री राम सुतीक्ष्ण ऋषि के आश्रम में पहुंचे। सायं काल को श्री राम ने संध्योपासन किया। तब महात्मा सुतीक्ष्ण ने सीता सहित राम लक्ष्मण को रात्रि में खाने योग्य पवित्र फल, मूल तथा अन्न आदि सत्कार पूर्वक स्वयं लाकर दिए। श्री राम ने आर्य वैदिक परंपरा का निर्वाह करते हुए ऋषि के आश्रम में विधिवत ईश्वरोपासना और अग्निहोत्र किया।
यहां से आगे :-


सुतीक्ष्ण ने बतला दिया, अगस्त्य ऋषि का धाम।
चलते - चलते आ गए, राम ऋषि के धाम।।


ऋषिवर ने श्री राम का, किया बहुत सत्कार।
फल, मूल, पुष्प के साथ में दान किए हथियार।।


वैष्णव धनुष के साथ में, दिए अमोघी बाण।
स्वर्ण जड़ित तलवार दी, सोने की थी म्यान।।


ऋषि अगस्त्य ही ऐसे पहले महान वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने बिजली का आविष्कार किया था। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि उनके पास कैसे-कैसे अस्त्र रहे होंगे? उन अस्त्रों को यदि ऋषि ने श्री राम को ही दिया तो उसका भी कोई विशेष औचित्य रहा होगा ?
इसी वन में श्री राम जी की जटायु नाम के एक महापुरुष आर्य भद्र पुरुष से भेंट हुई । यह कोई गिद्ध या पक्षी नहीं थे। वह क्षत्रिय कुल परंपरा से थे। उन्होंने स्वयं अपने पिता का नाम बताते हुए कहा कि मैं श्येनी का पुत्र हूं। जटायु ने यह भी कहा कि आप मुझे अपने पिता का मित्र समझो। श्री राम ने भी जब यह सुना कि जटायु उनके पिता के मित्र हैं तो उन्हें पिता तुल्य ही सम्मान दिया। उस समय जटायु अपना राजपाट अपने पुत्र को सौंप कर स्वयं वानप्रस्थि का जीवन व्यतीत कर रहे थे।


जटायु से श्री राम की, यहीं हुई थी भेंट।
कुल ,जन्म और नाम से जटायु थे अतिश्रेष्ठ।।


दशरथ के वह मीत थे, पंडित और विद्वान।
पक्षी उनको मत कहो, यह उनका अपमान।।


पंचवटी में राम की, हुई कुटिया तैयार।
पर्णशाला में रह रहे, अवध के राजकुमार।।



( लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है। )
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ