हिंद छवि अति मनभावन
इतिहास अनूप प्रेरणा पुंज,साहस शौर्य उमंग ओतप्रोत ।
विराट जनतंत्र वैश्विक मंच,
उत्संग धर्मनिरपेक्षता ज्योत ।
जन गण मन अभिवंदन संग,
समरसता रज रज बिछावन ।
हिंद छवि अति मनभावन ।।
तिरंगी आन बान शान रक्षा,
दृढ़ संकल्प परम ध्येय ।
संघर्ष सहर्ष स्वीकार्य ,
अंतर्मन स्वर सदा अजेय ।
सुख दुःख अंतर सहभागिता,
परिवेश स्वच्छ स्वस्थ पावन
हिंद छवि अति मनभावन ।।
कृषि उद्योग सेवा पटल ,
प्रगति वैभव अप्रतिम दर्शन ।
अथक श्रम जप तप लगन ,
नित्य सफलता स्पर्शन ।
शिक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी सह,
खुशियां अतुलित आवन ।
हिंद छवि अति मनभावन ।।
प्राकृतिक छटा अद्भुत अनुपम,
जनमानस सदैव प्रफुल्लित ।
परा विरासत अनंत महत्ता,
संस्कार मर्यादा आरेख ललित ।
वसुधैव कुटुंबकम् मूल मंत्र,
सौंदर्य प्रभा सदृश सावन ।
हिंद छवि अति मनभावन ।।
महेन्द्र कुमार(स्वरचित मौलिक रचना)
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