मेरा भारत सबसे प्यारा

मेरा भारत सबसे प्यारा

विश्व पटल गुरु पदवी,
उद्गम स्थल सनातन धर्म ।
ऋषि मुनि वृंद तपोभूमि,
श्रम निष्ठता सफलता मर्म ।
नैसर्गिक सौंदर्य मनभावन,
परिवेश मानवता उन्मुख सारा ।
मेरा भारत सबसे प्यारा ।।


अनूप संस्कृति स्नेहिल छटा,
मर्यादा परंपरा जीवन दर्शन ।
तीज त्यौहार व्रत मनोरमा,
रग रग अलौकिकता स्पर्शन ।
इतिहास स्वर्णिम प्रेरणा पुंज,
हर पृष्ठ साहस शौर्य धारा ।
मेरा भारत सबसे प्यारा ।।


भौगोलिक छवि मनमोहक,
पर्वत वन सागर श्रृंगार ।
निर्मल पावन अविरल नदियां ,
सुख समृद्धि अतुलित भंडार ।
खेत खलिहान उपवन संग ,
नित्य चढ़ता खुशहाली पारा ।
मेरा भारत सबसे प्यारा ।।


तिरंगी आन बान शान रक्षा,
हर नागरिक दृढ़ संकल्प ।
विभिन्नता अंतर एकता अथाह ,
देशी खान पान सह कायाकल्प ।
स्नेह प्रेम भाईचारा सर्वत्र,
गगन भेदी जय हिंद जयकारा ।
मेरा भारत सबसे प्यारा ।।


महेन्द्र कुमार
(स्वरचित मौलिक रचना )
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