साथी

साथी

किसी का किसी से
इकरार होता है।
समझ लो उससे ही
उसे प्यार होता है।
ये कब और कहा
किससे हो जाये।
ये न हम जानते और
न ये वो जानते।।


दिल हमारा डोलता और
भटकता रहता है।
कभी सपनों में खोता है
तो कभी सपने दिखता है।
इसलिए वो हकीकत को
पढ़ नहीं पाता है।
और जिंदगी की राह को
भूल जाता है।।


सपने देखना और उनमें खोना
अच्छी बात है।
पर उनके सहारे जीना
अब संभव नही है।
इसलिए एक साथी की
सभी को जरूरत है ।
जो निभाए साथ उसका
हमसफर बन के।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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