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कारगिल के वीर भाई

कारगिल के वीर भाई

मेरे देश में हो मेरे में ऐसे हैं वीर भाई,
आँच न आये भारत माँ पर अपनी जान गँवाई।
मेरे देश में...
पाक ने जब षडयंत्र रचा,
कारगिल युद्ध भीषण हुआ।
तनी जवानों की भृकुटि रामा हो,
शत्रुओं का हुआ समर्पण हिमपति ने शीश झुकाई।
मेरे देश में...
बर्फीली जब हवा चली,
बाँध कफ़न सेना चली।
मातृभूमि का कर्ज चुकाने रामा हो,
रोते छोड़ गये मात-पिता को,बीवी की सूनी कलाई।
मेरे देश में ...
जब सिंहों जैसे दहाड़े थे,
टाइगर हिल्स पे शत्रु भागे थे।
छद्म युद्ध का हश्र यही रामा हो,
तिरंगा ले वह आगे दुश्मनों की सामत आई।
मेरे देश में...
डॉ रीमा सिन्हा
(लखनऊ) 
स्वरचित
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