पटना जिला सुधार समिति की याचिका पर सरकार को फटकर |

पटना जिला सुधार समिति की याचिका पर सरकार को फटकर |

पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर द्वारा पटना नगर निगम के आयुक्त द्वारा 16-02-2023 के पारित आदेश के खिलाफ C.W.J.C 8745/24 में दिनांक 22-07-2024 को माननीय न्यायाधीश राजीव राय ने नगर आयुक्त के अधिवक्ता प्रसुन्न सिन्हा से जवाब मांगा है कि है कि जब नगर निगम कर के रूप में कई प्रकार के कर पूर्व से ही गरीब जनता से वसूली जा रही है तब उसके बाद भी कूड़ा कर के रूप में सेवा कर कह कर क्यों जबरदस्ती वसूली की जा रही है। बिना इसके भुगतान के होल्डिंग टैक्स नहीं लिया जाता है।


उच्च न्यायालय ने निगम को बताया कि पटना सिटी के कई इलाकों में आज भी साठ बर्ष पूर्व के पाइप द्वारा जलापूर्ति की जा रही है जिसमें मिट्टी,गंदगी और नाली का पानी सप्लाई होता है। इसके जवाब में निगम का कहना है कि जल आपूर्ति की व्यवस्था मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना के अंतर्गत होती है।


उच्च न्यायालय ने नगर आयुक्त से जानना चाहा है कि निगम क्षेत्र में कितने पार्क हैं और वहां उसके रखरखाव की क्या व्यव्स्था है ? क्यों कि पार्क तो बना दिया गया है मगर बच्चे, बूढ़े और बुज़ुर्ग लोगों के लिए साल में सामान्यत: दो दिन के लिए ही खुलती है। इस प्रकार जनता से जबर्दस्ती कर वसूली जा रही है। अगर यह सुविधा कर है तो इसका भुगतान उपभोग करने वाले ही लोग करें। सरकार व निगम आवश्यक जरूरी सुविधाएं मुहैय्या नहीं करा रही है मगर रोज नया कर अभिरोपन कर रही है।


उच्च न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए चार सप्ताह के अन्दर पटना नगर निगम से जबाब मांगा है। अन्यथा पांच हजार रुपया अर्थ दण्ड पटना उच्च न्यायालय के विधिक प्राधिकार में जमा करने का आदेश दिया है।


राज्य सरकार को भी उचित जवाब दाख़िल करने को कहा गया है क्यों कि बूडको उनके अंतर्गत आता है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपनी जबावदेही निगम पर नहीं सौपे।


राज्य सरकार के वकील कुमार पंकज ने सच्चाई को स्वीकार किया कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह एवं संजय कुमार द्वारा कहा गया कथन कि कूड़ा का उठान सप्ताह में दो ही दिन होता है।

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