इस बार 26 अगस्त (सोमवार) को जन्माष्टमी
मार्कण्डेय शारदेय“एकेनैवोपवासेन कृतेन कुरुनन्दन ! ।
सप्तजन्मकृतात् पापान्मुच्यते नात्र संशयः ॥
अर्थात्; हे कुरुनन्दन! इस एक ही व्रत के कर लेने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप निःसन्देह नष्ट हो जाते हैं।
महापुण्य-दायक श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी का व्रत इस बार 26 अगस्त (सोमवार) को है।इस दिन मध्यरात्रि में अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र का योग भी है।अगले दिन (27.08.024) मंगलवार को अष्टमी प्रातः 6.35 तक तथा रोहिणी रात्रि 8.25 तक ही है।उदया तिथि तथा उदयगामी नक्षत्र माननेवाले वैष्णव संन्यासी मंगलवार को भले मनाएँ, पर गृहस्थ (स्मार्त) तो सोमवार को ही मनाएँगे।अगले दिन (मंगलवार को) सुबह 6.35 के बाद नवमी में पारण करने में भी कोई दिक्कत नहीं, कोई दोष नहीं।
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