दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के कार्यालय में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ देश के 78वें स्वाधीनता दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया |

दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के कार्यालय में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ देश के 78वें स्वाधीनता दिवस का  कार्यक्रम आयोजित किया गया |

समाज को समर्पित मानव सेवा में अग्रणी संस्था " दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन " के द्वारा कार्यालय में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ देश के 78वें स्वाधीनता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। संस्था के निदेशक डॉ राकेश दत्त मिश्र ने कार्यालय परिसर में झंडोतोलन किया |
उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए संस्था के निदेशक डॉ राकेश दत्त मिश्र ने कहा कि भारत के स्वाधीनता आंदोलन में जिन लोगों ने बढ़ चढ़कर योगदान दिया और अपना बलिदान दिया उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र आज अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है । उन्होंने कहा कि देश के स्वाधीनता संघर्ष के दौरान आजादी के सेनानियों ने विकसित भारत का सपना देखा था, जिसे आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार रूप देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। डॉ मिश्र ने कहा कि भारत आज विश्व गुरु के रूप में अपने स्थान पर विराजमान होता हुआ दिखाई दे रहा है यह केवल भारत के 140 करोड लोगों के कारण संभव हो पाया है। जिसे मूर्त रूप देने में प्रधानमंत्री श्री मोदी सफल हो रहे हैं। आज हमें नये समर्थ और समृद्ध विश्व गुरु भारत के लिए प्रधानमंत्री जी के हाथों को मजबूत करना है।

झंडारोहण के पश्चात संस्था के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज का युवा ही कल का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति होगा। इसके लिए विद्यालय को संस्कार आधारित शिक्षा देने पर बल देना चाहिए। यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि हमारी संस्था संस्कार और शिक्षा को देने पर बल देता है। हमें अपने स्वाधीनता आंदोलन से शिक्षा लेकर नए भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर संस्था के सचिव सुबोध कुमार सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 1857 की क्रांति के समय इस क्षेत्र ने बढ़ चढ़कर अपने बलिदान दिए थे। उन्होंने कहा कि उस समय के बिहार ने अंग्रेजो को परेशान कर दिया था इस कारण से अंग्रेजो ने बिहार बंगाल और उड़ीसा का विभाजन किया | इस क्षेत्र में एक भी गांव ऐसा नहीं बचा था, जहां से बलिदानी नहीं निकले थे । उसके पश्चात के 90 साल के कालखंड में भी यहां के लोगों ने बढ़ चढ़कर अपने बलिदान दिए। इस प्रकार इस क्षेत्र का भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा। समारोह के पश्चात उपस्थित लोगों के बीच मिठाईयां बांटी गई |
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