जाति जनगणना और कांग्रेस
जितेन्द्र नाथ मिश्र
विगत कुछ वर्षों से जाति जनगणना की बात कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल संसद/राज्यों के विधान सभा में करते आ रहे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी की सन् 1931में अंग्रेजी हुकूमत ने जाति जनगणना कराया था। सन् 1947मे देश आजाद हो गया। सत्ता कांग्रेस के हाथ में है आ गयी। लगभग 70वर्षो़ तक देश की बागडोर कांग्रेस के हाथों में रही। पर कांग्रेस और उसके समर्थक दलों को जातिगत जनगणना की याद नहीं रही।
आज भी कई राज्यों में कांग्रेस और उसके समर्थक दलों की सरकार है। कांग्रेस उन राज्यों में जहां उनकी सरकार है,ने जातिगत जनगणना अभी तक कराया है और न अपने समर्थक दलों को जिनकी राज्यों में सरकार है,को जातिगत जनगणना कराने के लिए बाध्य किया है।
संसद में बजट सत्र चल रहा है। चर्चा में भाग लेते हुए विरोधी दल के नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी सांसद ने कहा कि मैं जब मेरी सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना करवा कर ही दम लूंगा।
आज समाज में तीन जेंडर है 1.पुरुष। 2.नारी 3. हीजड़ा(थर्ड जेंडर)
विपक्षी दलों से सीधा प्रश्न है समाज को आपने फारर्वड और बैकवर्ड दो वर्गों में बांट डाला। पर यह बताया जाए कि जिस परिवार में कयी जाति और साम्प्रदाय के लोग हैं, उनके लिए कौन सा जेंडर प्रयोग करेंगें? क्योंकि अब न तो वह बैकवर्ड हैं और न फारवर्ड।
यह विशेषता मुख्य रूप से राजनीति करने वाले घराने में ही दिखता है। क्या ऐसे जेंडर को कल आप राजनैतिक जेंडर की श्रेणी में जातिगत जनगणना करेंगे।
जितेन्द्र नाथ मिश्र
कदम कुआं, पटना।
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