मेरा भारत महान

मेरा भारत महान

शीला लीला शर्मीला देखो ,
मेरा भारत गुणों की खान है ।
योगी मुनि ऋषि व तपस्वी ,
ईश्वर की ही लगाते ध्यान हैं ।।
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र बहतीं ,
पावन नदियाॅं आलीशान हैं ।
देवों में ब्रह्मा विष्णु व भोले ,
कार्तिक गणेश व हनुमान हैं ।।
माॅं लक्ष्मी तो धन खूब देतीं ,
गणेश जी देते खूब ज्ञान हैं ।
माॅं सरस्वती हैं विद्या ये देतीं ,
माॅं दुर्गा के शक्ति का भान है ।।
सेवा संस्कृति होता आचार ,
विश्व हेतु शिक्षण संस्थान है ।
जहाॅं ज्ञानी विद्वान हैं बसते ,
हमें भारत का अभिमान है ।।
जहाॅं तिरंगा ध्वज लहराता ,
जिसका तिरंगा पहचान है ।
मेरा वतन खूबियों से भरा ,
मेरा भारत बहुत महान है ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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