देखो,इठलाती बलखाती हरियाली तीज आई
***********मृदुल मधुर हिय तरंगें,
परिवेश सारा मनभावन ।
नव यौवन अंग प्रत्यंग,
मस्त मलंग सा सावन ।
झूलों पर लोक गीतों संग,
सर्वत्र आनंद बहार छाई ।
देखो,इठलाती बलखाती हरियाली तीज आई ।।
आराधना परम भाव ,
शिवत्व भव्य वंदन ।
पार्वती सम रुप धर,
पूर्ण मनोकामना स्पंदन ।
मोहक सोलह श्रृंगार कर,
शिव शंकर अनुपम रिझाई ।
देखो,इठलाती बलखाती हरियाली तीज आई ।।
हरित परिधान शोभित,
प्रकृति सह नारी तन पर ।
दर्शित संस्कार परंपरा,
लोक जीवन अंतर्मन पर ।
पुनीत पावन संबंध अंतर,
अपनत्व अथाह अंगड़ाई ।
देखो,इठलाती बलखाती हरियाली तीज आई ।।
मनोरम उत्सविक श्रृंखला,
शुभ स्नेहिल श्री गणेश ।
अखंड सौभाग्य वर वृष्टि,
घर द्वार सुख समृद्धि प्रवेश ।
देख श्रावण अनूप अदाएं ,
जनमानस कली मुस्काई ।
देखो,इठलाती बलखाती हरियाली तीज आई ।।
कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com