Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

चन्दामामा से रिश्ता अपना पहले का,

चन्दामामा से रिश्ता अपना पहले का,

वेद पुराण ग्रंथों में लिखा सब पहले का।
ऋषि मुनि सब मिलते थे पहले चंदा से,
सभी शास्त्रों में है यह क़िस्सा पहले का।

बचपन से सुनते आये चन्दा तो मामा है,
नानी के घर माँ का अक्सर आना जाना है।
कान्हा रूठे चाँद माँगते, पानी मे दिखलाती,
दूध कटोरी दिखा कान्हा को समझाना है।

तुलना कभी प्रेयसी की, चाँद से होती,
कभी लाल को अपने माँ,चंदा सा कहती।
पत्नी भी तो चाँद देखकर पति को चाहे,
करवाचौथ मनाती, चांद देख व्रत खोलती।

अब मामा के घर आना जाना बढ़ जायेगा,
शुरू यान अभियान, जाना सरल हो जायेगा।
नाना की सम्पत्ति में हिस्सा माँ का भी होता,
धरा का क़ानून वहाँ भी लागू हो जायेगा।

डॉ अ कीर्ति वर्द्धन

हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ