तिरंगा

तिरंगा

तीन रंग मे रंगा हुआ है, मेरे देश का झन्डा,
केसरिया,सफ़ेद और हरा, मिलकर बना तिरंग।
इस झंडे की अजब गजब, तुम्हे सुनाऊं कहानी,
केसरिया की शान है जग मे, युगों-युगों पुरानी।
संस्कृति का दुनिया मे, जब से है आगाज़ हुआ,
केसरिया तब से ही है, विश्व विजयी बना रहा।
शान्ति का मार्ग बुद्ध ने, सारे जग को दिखलाया,
धवल विचारों का प्रतीक, सफ़ेद रंग कहलाया।
महावीर ने सत्य अहिंसा, धर्म का मार्ग बताया,
शांत रहे सम्पूर्ण विश्व, सफ़ेद धवज फहराया।
खेती से भारत ने सबको, उन्नति का मार्ग बताया,
हरित क्रांति जग मे फैली, हरा रंग तब आया।
वसुधैव कुटुंब मे कोई, कहीं रहे न भूखा,
मानवता जन-जन मे व्यापे, नहीं बाढ़ नहीं सुखा।
अशोक महान हुआ दुनिया मे, धर्म सन्देश सुनाया,
सावधान चौबीसों घंटे, चक्र का महत्व बताया।
नीले रंग का बना चक्र, हमको संदेशा देता,
नील गगन से बनो विशाल, सदा प्रेरणा भरता।
तिरंगा है शान हमारी, आंच न इस पर आये,
अध्यात्म भारत की देन, विजय धवज फहराए।

डॉ.अ.कीर्तिवर्धन
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