झपट्टामार छिनताई

झपट्टामार छिनताई

जय प्रकाश कुवंर
स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत आज कल पटना राजधानी सहित देश के दूसरे छोटे बड़े शहरों में भी नगर निगमों की तरफ से घर घर से कुड़ा उठाव का प्रबंध संबंधित राज्य सरकारों ने कर रखा है। इस व्यवस्था के तहत खुब सुबह ही नगर निगम की कुड़ागाड़ी हर घर के सामने सीटी बजाते हुए पहुँच जाती है और घर अथवा फ्लैट के निवासी अपने घर का कुड़ा गाड़ी में डाल देते हैं। इसके लिए नगर निगम को मासिक, अथवा सलाना एक निर्धारित शुल्क देना होता है। रास्ते पर जहाँ तहां कुड़ा फेंकने वालों के लिए आर्थिक दंड का व्यवधान सरकार ने कड़ाई से कर रखा है। कुछ स्थानों पर रोड किनारे कुड़ा दान भी लगाए गए हैं, ताकि जो लोग किसी कारणवश अपने घर का कुड़ा गाड़ी में नहीं दे सके हों वे अपना कुड़ा लाकर उसमें डाल दें।
आज सुबह रोज की तरह मैं टहलने के लिए निकला था, तो देखता हूँ कि एक लड़की अपने हाथ में प्लास्टिक का एक बंधी हुई थैली लिए हुए सड़क किनारे से जा रही थी। उसके पीछे थोड़ी दूरी पर एक आशिक मिजाज लड़का बाइक पर उसका पीछा कर रहा था। इससे अनभिज्ञ वह लड़की अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ रही थी। इतने में उसके पीछे की ओर से एक दूसरे बाइक पर सवार दो लड़के, जिनमें एक बाइक चला रहा था और दूसरा पीछे बैठा था, तेजी से निकले और लड़की के नजदीक आते ही बाइक पर पीछे बैठे लड़के ने झपट्टा मारकर उस लड़की के हाथ से थैली छीन लिया और तेजी से आगे बढ़ गये। इसे देख जो लड़का पहले से लड़की के पीछे पीछे चल रहा था, उसने लड़की के मदद के लिए अपनी बाइक का रफ्तार तेज कर उनका पीछा किया और थोड़ी दूर पर उन्हें पकड़ लिया। अब वो दोनों पकड़े जाने और पुलिस के भय से उस थैली को वहीं पर फेंक कर भाग गए। प्लास्टिक की थैली उठाकर वह लड़का लौट कर उस लड़की के पास आया तो देखता है कि वह लड़की मुस्कराते हुए अपने घर की ओर लौट रही थी। उस लड़के ने लड़की का दिल खुश करने के लिए वह थैली लड़की की तरह बढ़ाते हुए बोला कि लीजिए मैं आपकी थैली उन उचक्कों के हाथ से छीन कर लाया हूँ। इस पर लड़की ने ठहाके मारते हुए कहा कि भाईसाहब उन लोगों ने तो मेरा काम हल्का कर दिया था। मैं आज सुबह थोड़ी देर से उठने के कारण अपने घर का कुड़ा नगर निगम के गाड़ी में नहीं दे पायी थी। और उसे रास्ते पर फेंकने पर आर्थिक दंड के भय से कुड़े को प्लास्टिक के थैली में बांधकर थोड़ी दूरी पर रास्ते किनारे लगे हुए कुड़ेदान में डालने जा रही थी। अब कृपया इसे मुझे पुनः वापस न देकर आप कुड़ेदान में डालते हुए अपने घर चले जाइएगा। वैसे आपके इस साहसिक कार्य के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ कि आपने अपनी जान जोखिम में डाल कर उनका पिछा किया और थैली वापस लाने में सफल रहे।
वह आशिक मिजाज लड़का काफी लज्जित हुआ और थैली लिए हुए कुड़ेदान में डालने चला गया। लड़की भी हंसते हुए अपने घर चली आई।
पुरी घटना को जानने के बाद मैं भी अपनी हंसी रोक नहीं पाया, साथ ही यह भी सोचने लगा कि सुबह सुबह सभी लोग जैसे अपने अपने काम में मशगूल हो जाते हैं, वैसे ही आजकल ये झपट्टामार छिनताई करने वाले भी सुबह सुबह अपने शिकार के लिए निकल पड़ते हैं, लेकिन आज का सुबह इन झपट्टामार छिनताई करने वालों के लिए मनहूस और निराशाजनक साबित हुआ। 
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