चारु चंद्र की चंचल किरणें, तिंरगे पर मोहित हुईं

(राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस__23अगस्त ,2024)
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चारु चंद्र की चंचल किरणें, तिंरगे पर मोहित हुईं

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हिंद विज्ञानी तपन जपन,
अद्य दिवस सिद्धि ओर ।
चंद्रयान तीन अपार सफलता,
व्योम क्षेत्र कीर्तिमानी भोर ।
धर कदम चंद्र दक्षिणी धुर्वी केंद्र,
प्रथम राष्ट्र छवि शोभित हुईं ।
चारु चंद्र की चंचल किरणें, तिंरगे पर मोहित हुईं ।।


इसरो सजग अथक प्रयास,
दिव्य भव्य सुफलन बिंदू ।
रूस अमेरिका चीन उपरांत,
चतुर्थ स्थान खुशियां सिंधु ।
हर्षित गर्वित देश पावन धरा,
व्योम अठखेलियां सुरभित हुईं ।
चारु चंद्र की चंचल किरणें, तिंरगे पर मोहित हुईं ।।


चंद्र यान तीन लैंडिंग अनूप,
अद्भुत अनुपम व विशेष ।
सोम स्पर्श विक्रम लेंडर,
आर्यावर्त पट आनंद अधिशेष ।
प्रज्ञान रोवर परिक्रमा संग,
नव प्रयोग राहें बोधित हुईं ।
चारु चंद्र की चंचल किरणें, तिंरगे पर मोहित हुईं ।।


तेईस अगस्त दो हजार तेईस,
तिथि मनोरमा ऐतिहासिक ।
साकार रूप स्वप्न मालाएं,
भाव विभोर सर्व वैज्ञानिक ।
कामना अंतरिक्ष महाशक्ति पद,
देश प्रेम भावनाएं रोहित हुईं ।
चारु चंद्र की चंचल किरणें, तिंरगे पर मोहित हुईं ।।


कुमार महेन्द्र(स्वरचित मौलिक रचना)
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