दिल बन गया तेरा
--: भारतका एक ब्राह्मण.संजय कुमार मिश्र 'अणु'
----------------------------------------
मैं यह बचपन से
सुनते आया हूं कि
जीवन में जरूरी है प्यार
जिसको मिल गया
उसका हृदय खील गया
और जिसे नहीं मिला
उसका नींव हिल गया
फिर हो गया सब बेकार
इसे मैं भी चाहा सबकी तरह
पर यह नहीं मिला मुझे
हां अचानक एक आश जगी थी
जिस वक्त देखा था तुझे
प्रेम की मूर्ति सगुण साकार
किसीने इसे गलत समझा
तो किसीने सही समझा
पर मैं हीं नहीं समझ सका
आखिर तुमने क्या समझा
एक तलबगार या गुनाहगार
अब तुम चाहो या फिर न चाहो
इसमें मेरी मर्ज़ी कहां है
बस कह सकता हूं मैं तुमसे
कुछ बात खुदगर्जी कहां है
हमराज़, हमसफ़र, दिलदार
हालांकि लोग बनाते हैं खुब
प्यार कहकर खुब बहाने
पर मैं ऐसा नहीं किया कभी
तू सच या फिर झूठ जाने
दिल बन गया तेरा कर्जदार
वलिदाद अरवल (बिहार)804402.
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com