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संवाद से दूर होती हैं गलतफहमियां

संवाद से दूर होती हैं गलतफहमियां

"एक दूसरे के बारे में बोलने के बजाय अगर हम एक दूसरे से बोलें तो बहुत सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी," यह वाक्य अपने आप में एक गहरी समझ रखता है। यह हमें बताता है कि अक्सर हम दूसरों के बारे में बातें करते हैं, उनकी अनुपस्थिति में उनकी आलोचना करते हैं, या उनके बारे में अपनी धारणाएं बना लेते हैं। लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि अगर हम सीधे उनसे बात करें तो शायद बहुत सी बातें स्पष्ट हो जाएँ?
जब हम किसी के बारे में बात करते हैं, तो हम अपनी सोच और धारणाओं को ही प्रोजेक्ट करते हैं। हम उनके बारे में जो सोचते हैं, वही दूसरों को बताते हैं। लेकिन जब हम सीधे उनसे बात करते हैं, तो हम उनकी भावनाओं, विचारों और नजरिए को समझने का मौका पाते हैं। इस तरह हमारी गलतफहमियां दूर होती हैं और हमारे बीच एक बेहतर समझदारी का माहौल बनता है।
यह बात हमारे व्यक्तिगत रिश्तों के साथ-साथ हमारे सामाजिक जीवन में भी लागू होती है। अगर हम अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों या किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ खुलकर बात करें तो हमारी आपसी दूरियां कम हो जाएंगी और हमारे रिश्ते मजबूत होंगे।
आज ही शुरू करें संवाद

आज ही से हम अपने जीवन में संवाद को महत्व देना शुरू कर सकते हैं। हमें हर किसी के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और उनकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से नहीं डरना चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे तो हम पाएंगे कि हमारे आसपास का माहौल कितना शांतिपूर्ण और सकारात्मक हो गया है।

अंत में...

याद रखें, संवाद एक कला है। इसे सीखने और विकसित करने की जरूरत होती है। लेकिन अगर हम ईमानदारी और खुले दिल से एक-दूसरे के साथ बात करें तो हम निश्चित रूप से सफल होंगे।

आइए, आज ही संवाद की शुरुआत करें!

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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