कृष्ण अवतार
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।सिर्फ एक बार मुझे चरण को छू लेने दो।
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।।
रोज सपने में दिखते हो मुझे प्यारे कृष्ण।
कहाँ है पर है नहीं तेरा ठिकाना मेरे कृष्ण।
किस जगह की छवि मुझे रोज दिखते हो।
उस जगह पर मुझे तुम बुला लो कृष्ण।।
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।।
अपनी आँखों से तुम देखते हो जग से।
हर किसी पर तेरे दृष्टि रहती है कृष्ण।
मेरे आँखों में भी दिव ज्योति दे दो।
ताकि मैं सुबह शाम तेरे दर्शन कर सकूँ।।
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।।
अपनी लीलाएं दिखाकर सबको लूभाते हैं।
खेल खेल में अंत राक्षको का कर दिया।
और कंसमामा को भी संदेश देते गए।
फिर एक दिन कीड़ा के द्वारा ही कृष्ण ने।
कंस का वध करके मथुरा को मुक्त किया।।
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।।
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।
सिर्फ एक बार मुझे चरण को छू लेने दो।
हम तेरे दर्शन को आये है बहुत दूर से कृष्ण।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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