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मोहब्बत होना

मोहब्बत होना

तुम्हें रोज देखकर के
मेरा दिल मचलने लगा।
तुम्हारा रूप देखकर के
मैं अब बहकने लगा।
मुझे शायद तुमसे अब
मोहब्बत होने लगी है।
इसलिए मेरी आँखे
तेरा इंतजार करती है।।
तुम्हारे दिल के बारे में
मुझे कुछ भी खबर नही।
मुझे अपने ही दिल की
सुनाई पड़ती है धड़कन।
तुम्हारी आँखे भी क्या
मुझे रोज देखती है ?
जैसे मैं देखता तुमको
वैसे क्या देखती मुझको।।
मोहब्बत हम भी करते है
मोहब्बत वो भी करती है।
मगर हम इस जमाने के
लोगों से बहुत डरते है।
इसलिए मोहब्बत को
कबूल कर नही पाते।
और दिलकी बातों को
हम दिलमें ही रखते है।।
मेरी आँखों में तेरी
सदा तस्वीर दिखती है।
मिलन आँखो का हो या
मिलन हो अपने दिलका।
यहाँ करबट बदलते हम
वहाँ वो सो नही पाते।
यही होता है प्यार में
जब हो जाये किसी से।।

स्नेह प्यार का कजलियों (भुजरिये) के त्यौहार की आप सभी को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई

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