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निरंतरता का मंत्र

निरंतरता का मंत्र

नश्वरता नहीं, ये जीवन है, जीवंतता की निरंतरता,
एक नया आयाम दिया है, आज मैंने, इस अस्तित्व को।

क्यों है क्षणभंगुर, ये जीवन, ये अमर सवाल,
जीवन की विराटता पर, ये प्रश्न लगता है बेमिसाल।

जीवन की क्षणिकता, अस्थिरता, ये तो है सत्य,
परंतु जीवन है अनंत, इसमे है कुछ व्यर्थ नहीं।

किसी का होना, या न होना, माना ये तय नहीं है, परंतु
जीवन विराटता विशालता का उपमान है क्षणभंगुरता।

क्षणभंगुरता है मात्र, एक धोखा, एक माया,
जीवन है अनंत, ये है सत्य, ये है सदा की गाथा।

नश्वरता का भय, मन को करता है अंधकारमय,
जीवन की अमरता का गान, मन को करता है उज्ज्वल।

ये जीवन है सागर, जिसमें उठते हैं लहरें,
कभी शांत, कभी तूफानी, फिर भी ये चलता रहता है।

ये जीवन है रंगों का खेल, कभी हँसी, कभी आँसू,
परंतु जीवन है सुंदर, इसमे है कोई गम नहीं।

ये जीवन है यात्रा, जिसमें मिलते हैं कई मोड़,
कभी ऊपर, कभी नीचे, फिर भी ये चलती रहती है।

तो चलो, जी लें इस जीवन को, भरपूर,
नश्वरता को भूल जाएं, और निरंतरता को अपनाएं।

ये जीवन है अनमोल, इसे खोना नहीं चाहिए,
हर पल को जीना चाहिए, इसे याद रखना चाहिए।

. स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
"कमल की कलम से" (शब्दों की अस्मिता का अनुष्ठान)
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