तारीफ उनकी किए जा रहे हैं।

तारीफ उनकी किए जा रहे हैं।

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•
(पूर्व यू.प्रोफेसर)
तारीफ उनकी किए जा रहे हैं।
मर मर के भी हम जिए जा रहे हैं।
चले वो गए हमसे आँखें उलट कर,
हँस हँस के हम सम पिए जा रहे हैं।
दिल है कि जख़्मों का कोई जख़ीरा,
टाँकों से उनको सिये जा रहे हैं ।
. खंजर लिए जो खड़ा है उसे भी,
पयामे मुहब्बत दिए जा रहे हैं।
यादों की गलियों में मिस्ले मिराक़ी,
भटकते हुए हम जिए जा रहे हैं। [
सम (अ.)=विष; मिराक़ी (अ.) =पागल ]
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ