सत्य पर सदा विजयी सेहरा

सत्य पर सदा विजयी सेहरा

भाग्य विधान सुलेखन,
कंटक पथ पर चलना ।
संघर्ष कर बाधाओं संग,
गिरना उठना व लड़ना ।
बीच मझधार छोड़ते साथी,
प्रतिकूल परिवेश देहरा ।
सत्य पर सदा विजयी सेहरा ।।


निर्दोष पर आलोचना सहन,
शंकर सदृश विष घूंट पीता ।
वहन निराधार लांछन कलंक,
प्रदत्त अग्नि परीक्षा सम सीता ।
जब उंगली उठती चरित्र पर ,
तब उर स्पंदन शौर्य नेहरा ।
सत्य पर सदा विजयी सेहरा ।।


अथक परिश्रम अठखेलियां ,
कारक आशा उत्साह उमंग ।
मैत्री निर्वहन आत्मविश्वास ,
प्रेरणा ज्योत जीवन उत्संग ।
कर्म धर्म आस्था दिव्य कवच ,
शब्द स्वर पट जोश केहरा ।
सत्य पर सदा विजयी सेहरा ।।


असंभवता प्रकृति धूमिल,
संभवता दर्शन चारों ओर ।
परेशानियां मूल अवसान ,
उदय नव स्वाभिमानी भोर ।
अंत सफलता अनूप वरण,
सर्वत्र जीत खुशियां चेहरा ।
सत्य पर सदा विजयी सेहरा ।।


कुमार महेन्द्र

(स्वरचित मौलिक रचना)
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