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आस्था का केन्द्र मेरी, कृष्ण हैं,

आस्था का केन्द्र मेरी, कृष्ण हैं,

विश्वास का आधार, कृष्ण हैं।
जो हुआ अच्छा हुआ, जानिए,
प्रेरणा के केन्द्र बिन्दु, कृष्ण हैं।
धर्म की स्थापना हो, युद्ध ज़रूरी,
पाप का भी ख़ात्मा हो, युद्ध ज़रूरी।
जीवन मरण, काल के आधीन सब,
एकाग्रता भीतर हो मन में, युद्ध ज़रूरी।
जीवन है तो मृत्यु भी, सत्य है,
आत्मा अजर अमर, सत्य है।
वस्त्र बदले ज्यों प्राणी, स्नान कर,
शरीर बदलती आत्मा, सत्य है।
कर्म का आधार जग में, कृष्ण हैं,
सत्य का आधार जग में, कृष्ण हैं।
कुरुक्षेत्र में पार्थ को गीता सुनाते,
धर्म का आधार जग में, कृष्ण हैं। 
डॉ अ कीर्ति वर्द्धन
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