आरक्षण के दायरे से बाहर रहने वाले बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग------- डॉक्टर विवेकानंद

आरक्षण के दायरे से बाहर रहने वाले बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग:- डॉक्टर विवेकानंद 

 भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र ने कहा है कि देश के पास वर्तमान में युवा पीढ़ी जो हमारी बड़ी थाती है जिस पर हम सब सब गर्व करते हैं, और जिस पर भारत विकसित देश बने विश्व गुरु बनने की उत्कट इच्छा पाले हुए हैं इस दृष्टि से प्रतिभावान युवा की भूमिका और दायित्व और भी खास हो जाता है। आज देश में सामाजिक और भौतिक विविधताएं तो हैं ही किंतु विषमता भी बहुत ज्यादा। ऐसे में हर युवा अपने भविष्य को संभालने के स्वाभाविक रूप से आतुर होते हैं। आशाओं और आकांक्षाओं की उठा पटक के बीच से सीमित संसाधनों के बाद कठिन परिस्थिति से संघर्ष कर अथक परिश्रम के बल पर जब अपने सपने को साकार करने का लक्ष्य लेकर धैर्यपूर्वक कठिन परिश्रम और लगन से कोशिश कर विभिन्न परीक्षाओं प्रतियोगिताओं में भी सफल होते हैं सत प्रतिशत सफल रहने के बावजूद भी सरकारी सेवाओं से या उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश से वंचित हो जाते हैं तो वैसे बच्चे हताश निराश और अवसाद ग्रस्त होने लगते हैं क्योंकि इनके साथ पढ़ने वाले बच्चे बहुत ही कम अंक लाकर भी आगे बढ़ाने में सफल हो जाते हैं यह भी अच्छी बात है होना चाहिए। किंतु सरकार को समाज राष्ट्र को ध्यान में रखकर वैसे वर्गों के बच्चों के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए क्योंकि प्रतिभाओं को कुचलकर कोई भी समाज या राष्ट्र मजबूत गतिशील आधार प्रदान नहीं कर सकता सर्वांगीण विकास की बातें में बेईमानी होगी ।
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