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चाहत अनमोल है

चाहत अनमोल है

संजय जैन
चाहत के मामले में
सबसे अमीर हूँ।
पैसे के मामले में
सबसे गरीब हूँ।
चाहत का वैसे पैसे
लेना-देना नही होता।
जिससे दिल मिले
उसी से प्यार होता है।।

मिलन हो जाये चाहत का
चाहाने वाले से।
तो चाहत का रंग
दिल पर चड़ने लगता है।
बड़ा अजीब किस्सा है
चाहत और दिल का।
जिसे पैसे के कारण
भूलाया नही जा सकता।।

देखकर सुंदर रूप को
पाने की चाहत होती है।
क्योंकि उसकी खूब सूरती
दिल पर छाने लगती है।
इसलिए हमारी आँखे
उसी को खोजती रहती है।
और अपनी चाहत को
पाने की कोशिश करते है।।

जय जिनेंद्र

संजय जैन "बीना" मुंबई
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